ग्वालियर। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आज श्री राजकुमार निगम उपमहानिरीक्षक ग्रुप केंद्र ग्वालियर केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (के.रि.पु.ब.) के निर्देशन एवं क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम के मार्गदर्शन में ग्रुप केंद्र, ग्वालियर में रहने वाले परिवारों के लिए योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस विशेष कार्यक्रम में मुख्य रूप से योगाभ्यास कराने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संस्थान से पधारे वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई, बीके सुरभि बहन एवं बीके रोशनी बहन ने उपस्थित सभी कावा सदस्यों, बच्चों एवं परिवारों को विविध योगासनों एवं ध्यान मुद्राओं का अभ्यास कराया। साथ ही उन्होंने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन में इसके नियमित अभ्यास के लाभों की जानकारी दी तथा सभी को योग को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में सभी कावा सदस्यों से योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने एवं प्रतिदिन योग करने का आह्वान किया। इस अवसर पर श्रीमती दीपा दिलावर, श्रीमती मंजू रावत, श्रीमती सरिता वर्मा, श्रीमती नेहा यादव सहायक कमांडेंट, क्षेत्रीय काबा प्रभारी सहित अन्य क्षेत्रीय कावा पदाधिकारीगण उपस्थित रहीं साथ ही अनेकानेक बच्चे भी उपस्थित थे।

योग तन और मन की एकता –
कार्यक्रम में सभी को योगाभ्यास कराने के साथ साथ बीके प्रहलाद ने कहा कि योग तन और मन की एकता है। आज सम्पूर्ण विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, यह तन, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने की एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। आज के कार्यक्रम में जहाँ शारीरिक योगासन पर विशेष ध्यान दिया गया, वहीं मानसिक योग – अर्थात ध्यान एवं आत्मचिंतन – की भी महत्ता को रेखांकित किया गया।
कहा जाता है – “मन दुरुस्त तो तन दुरुस्त।” यदि मन अशांत, चिंतित और अस्थिर रहेगा तो केवल शारीरिक कसरत से स्वास्थ्य की पूर्णता संभव नहीं। योग का उद्देश्य केवल शरीर को स्वस्थ बनाना नहीं, बल्कि मन की स्थिरता, आंतरिक शांति एवं जीवन की सकारात्मक ऊर्जा को जाग्रत करना है।
व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन होता है, जिसे हमेशा बरकरार रखना बहुत जरूरी है। स्वस्थ शरीर से ही व्यक्ति हर कार्य करने में सक्षम होता है। योग एक ऐसी विधा है, जिससे व्यक्ति अपने आपको स्वस्थ रख सकता है। यहां तक कि योग से व्यक्ति कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों से मुक्त हो सकता है।
योग एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है मिलन। योग कला हमारी प्राचीन संस्कृति की देन है। हमारे पूर्वज योग किया करते थे। यही कारण है कि वह स्वस्थ रहा करते थे। योग भारत की प्राचीन संस्कृति है। योग के द्वारा मन की सुषुप्त शक्तियों को जागृत कर सकते हैं। योग हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। शरीर और मन के लिए योग के फायदे अनगिनत हैं। आज योग कला हमारे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रचलित हो चुकी है।
भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से 21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई। यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का वैश्विक सम्मान है।
आगे प्रहलाद भाई ने योग के लाभ बताए –
- योग से शरीर लचीला, मजबूत एवं ऊर्जावान बनता है।
- यह हृदय रोग, मोटापा, उच्च रक्तचाप, तनाव एवं चिंता जैसी समस्याओं को दूर करता है।
- नियमित अभ्यास से नींद में सुधार होता है, मस्तिष्क की एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति बढ़ती है।
- योग मन को शांत करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
- यह एक संपूर्ण जीवनशैली है – केवल व्यायाम नहीं।