पनिहार स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर डीआईजी श्री राज कुमार निगम द्वारा माइंडफुलनेस एंड मेडिटेशन टेक्निक्स फ़ॉर स्ट्रेस रिलीफ कार्यक्रम आयोजित

ग्वालियर: पनिहार स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर डीआईजी श्री राज कुमार निगम द्वारा माइंडफुलनेस एंड मेडिटेशन टेक्निक्स फ़ॉर स्ट्रेस रिलीफ (तनाव से मुक्ति के लिए ध्यान तकनीक) विषय पर एक संगोष्ठी/कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से प्रशिक्षण देने के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संस्थान ग्वालियर से केंद्र की मुख्य प्रभारी राजयोगिनी बीके आदर्श दीदी एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर कमांडेंट श्री पीसी गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट श्री दिलाबर सिंह, अस्सिटेंट कमांडेंट श्री एस एन शर्मा सहित उक्त कार्यक्रम में अधिकारियों एवं जवानों के साथ साथ उनके परिजन श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, श्रीमती गीता तथा अन्य परिजन सम्मिलित हुए। यह कार्यक्रम तानसेन क्लब, सीआरपीएफ कैम्पस ग्वालियर में आयोजित हुआ।


कार्यक्रम के शुभारंभ में कमान्डेंट श्री पीसी गुप्ता ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया। ततपश्चात बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज हर व्यक्ति एक दौड़ में भाग रहा है। खुद के लिए समय निकाल पाना उसके लिए कठिन हो रहा है और यही कारण है कि कई बार छोटी छोटी बातों के कारण हमारी खुशी गुम हो जाती है। खुश रहने के लिए सबसे आवश्यक है कि वह सब कार्य करते हुए व्यवस्थित दिनचर्या के साथ थोड़ा समय प्रतिदिन अपने लिए निकाले जिसमें अध्यन, मनन, चिंतन एवं मेडिटेशन शामिल हो। आगे उन्होंने स्वयं के गुणों और शक्तियों के वारे में बताते हुए कहा कि हम सब एक चैतन्य शक्ति है जिसे आत्मा कहते है। आत्मा ही पूरे शरीर का संचालन करती है और आत्मा की तीन शक्तियां होती है जिनके द्वारा हमारे सारे कार्य होते है। मन, बुद्धि और संस्कार मन सोचने का कार्य करता, बुद्धि निर्णय करने का कार्य करती है तथा मन और बुद्धि के द्वारा हम जो कार्य करते है वह हमारे संस्कार या आदत बन जाती है।

हमारी सोच हमारे जीवन का निर्धारण करती है इसलिए हमें हमेशा सकारात्मक ही सोचना चाहिए। इसके अलावा हरेक के अंदर सात गुण विशेष रूप से होते है ज्ञान, पवित्रता, शांति, प्रेम, खुशी, आनंद और शक्ति होते है। इन गुणों के बिना बेहतर जीवन संभव नहीं है। जब हमारे अंदर इनका प्रतिशत घट जाता है तो दुःख की अनुभूति होती है और बढ़ जाता है तो सुख की अनुभूति होती है। मेडिटेशन या ध्यान इन गुणों को बढ़ाने में हमारी बहुत मदद करता है। साथ ही तनाव को कम कर देता है। इसलिए थोड़ा समय निकालकर ध्यान अवश्य करना चाहिए।

कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी ने सभी को सम्बोधित करते हुए राजयोग ध्यान के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि राजयोग ध्यान एक ऐसी बिधि है जिससे हम अपने हर कार्य को बेहतर ढंग से कर सकते है। इससे एकाग्रता बढ़ती है, कार्य क्षमता बढ़ती है, खुशी का लेवल भी बढ़ जाता है। इसके साथ ही हमारी अष्ट शक्तियाँ भी जाग्रत हो जाती है। कार्यक्रम में रचनात्मक एक्टिविटी कराई साथ ही सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास भी कराया गया। कार्यक्रम के अंत मे डिप्टी कमान्डेंट श्री दिलाबर सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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