ग्वालियर ,03 दिसम्बर 2025। सिकंदर कम्पू स्थित पानी की टंकी के पास चल रहे ज्ञान सप्ताह के आज समापन अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय लश्कर ग्वालियर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जो व्यक्ति वर्तमान क्षण में खुश रहना सीख लेता है, वही जीवन में सच्चा सुख पाता है। क्योंकि भविष्य अनिश्चित है और अतीत बदल नहीं सकता। जो हमारे हाथ में है वह केवल वर्तमान है। यह क्षण, यह पल और इस पल को खुशी से भर देना ही जीवन जीने की कला है। दीदी ने आगे कहा कि सुखद जीवन का अर्थ यह नहीं कि हमारे जीवन में समस्याएँ नहीं आएँगी। बल्कि इसका अर्थ यह है कि हम उन समस्याओं के बीच भी उम्मीद और सकारात्मकता बनाए रखेंगे। जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, परन्तु जब मन मजबूत हो, विचार सकारात्मक हों और हृदय शांत हो, तब कठिन समय भी हमें तोड़ नहीं पाता। इसलिए, आज हम यह संकल्प लें कि अपने जीवन में खुशी को प्राथमिकता देंगे। हम स्वयं भी मुस्कराएँगे और दूसरों को भी ख़ुशी बांटने के निमित्त बनेगे। जीवन में खुशी वह अमूल्य धन हैं, जिनकी तलाश हर इंसान करता है। चाहे वह बच्चा हो, युवा हो या वृद्ध, सबके मन में एक ही आशा होती है कि जीवन में शांति, प्रेम और खुशी बनी रहे। परंतु अक्सर हम छोटी छोटी बातों में ख़ुशी को खो देते है। जबकि हमें हर कार्य खुश होकर करना चाहिए। क्योकि ख़ुशी बाहरी वस्तु नहीं बल्कि हमारा एक आंतरिक गुण है। जिसके मन में संतोष होता है, वह हर हाल में जीवन में भी सुख पा लेता है और जिसका मन अशांत हो, वह स्थूल संसाधनों से संपन्न होने पर भी दुखी रहता है। जब हम हर परिस्थिति में कुछ अच्छा सोचने और देखने की आदत डाल लेते हैं तो ख़ुशी हमारे जीवन में बनी रहती है जब हम
दीदी ने आगे सभी को राजयोग ध्यान की विधि और उससे प्राप्त अष्ट शक्तियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब हम राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है तो अष्ट शक्तियां हमारे जीवन में आ जाती है। जिससे हर प्रकार की चुनौती का सामना करने में हमारे मदद करती है।
दीदी ने अनेकानेक प्रेरक कहानियों के माध्यम से जीवन को सुंदर बनाने की बातें बताईं तथा थोडा समय प्रतिदिन ईश्वर की याद के लिए निकलने का भी कहा। इस अवसर पर सिहारे परिवार एवं उनके सम्बन्धी सहित सैकड़ों की संख्यां में श्रद्धालु उपस्थित थे।

