नेशनल प्रोडक्टिविटी डे पर ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन व्यवसाय और उद्योग के माध्यम से समृद्ध भारत अभियान के अंतर्गत राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग तथा ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर के सहयोग से आज उत्पादकता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम नामक एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ प्रवीण अग्रवाल जी साथ में श्री मनोज चौरसिया चेयरमैन प्रतीक इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी ने विशेष रूप से भाग लिया । कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए ब्रह्मा कुमार जीतू भाई ने दिन के महत्व के बारे में और इस अभियान का परिचय दिया । राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के विभिन्न प्रभागों में से व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग व्यवसाय एवं उद्योगों के पुनरुत्थान एवं इससे जुड़े हुए महानुभावों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाकर उनकी कार्यकुशलता और कार्यक्षमता में वृद्धि लाने का बेहद कार्य कर रहा है । इसी तारतम्य में इस ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया कि किस प्रकार से हम अपनी उन्नति से देश की उन्नति में सहयोग प्रदान कर सकते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री प्रवीण अग्रवाल जी ने कहा कि बहुत सारे भाई बहनें जो कि व्यवसायिक पृष्ठभूमि से होते हुए भी आज के समय पर व्यापार-व्यवसाय छोड़ कर नौकरी आदि की तलाश में यहां-वहां भटक रहे हैं । जबकि होना यह चाहिए कि अपने व्यवसाय को अपने मानसिक स्तर के द्वारा वृद्धि की ओर ले जाना चाहिए जिसका आज के समय पर अभाव महसूस किया जा रहा है । आपने कहा कि उन्हें खुशी है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इसी लक्ष्य को लेकर इस प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित करता है । उन्होंने कहा कि बहुत सारे युवा जो कि आज के समय पर जानकारी के अभाव में जो सरकारों की योजनाएं चल रही हैं, उन पर ध्यान ना देते हुए नौकरी की तलाश में यहां-वहां भटक रहे हैं । जबकि होना चाहिए हर एक अपने व्यवसाय चाहे छोटा है चाहे बड़ा है उसमें ध्यान लगकर अपना नाम रोशन कर सकते हैं । ग्वालियर चंबल संभाग में कई इस प्रकार के छोटे बड़े व्यवसाय हैं जो कि बहुत मशहूर हैं इनकी सप्लाई पूरे देश तक जाती हैं जैसे की मुरैना की गजक तथा पेड़े । आपने कहा कि एम पी चेंबर ऑफ कॉमर्स ऐसे लोगों को जागरूक किया जा सके इस प्रकार के कार्यक्रम यत्र तत्र सर्वत्र आयोजित करता रहता है और उन्होंने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के साथ सहभागिता में कार्यक्रम करने के लिए भी अपना प्रस्ताव पेश किया ।
श्री मनोज चौरसिया जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी उत्पादन क्षमता तथा अपनी टीम को सशक्त बनाने के लिए टीमस्पिरिट के साथ अपना कार्य करना है जिसके आधार पर बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं । इसके लिये हमें संगठित रूप में कार्य करना पड़ेगा और एक लक्ष्य को लेकर अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर होना पड़ेगा । इसमें राजयोग हमें बहुत मदद करता है, अपने लक्ष्य को हासिल करने में अपने बाहुबल पर विश्वास के साथ साथ अपनी रचनात्मक बुद्धि का भी इस्तेमाल बखूबी करना होगा । कई बार हम परिस्थितियों से निराश हताश होकर संघर्ष करना छोड़ देते हैं जिस वजह से हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाते, लेकिन राजयोग हमें दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करता है ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए आत्म स्थिति में स्थित होना पड़ेगा ताकि हम हर कार्य शक्तिशाली बनकर कर सकते हैं । इसके लिए हमें अपने जीवन में दैवी गुणों की धारणा करनी पड़ेगी जिसमें मुख्य रुप से-
1- डिटरमिनेशन अर्थात दृढ़ता
2- कॉनसन्ट्रेशन या एकाग्रता
3- कमिटमेंट या प्रतिबद्धता
4- पोसिटिव एटीट्यूड या सकारात्मक दृष्टिकोण
4- पिता परमात्मा के प्रति संपूर्ण समर्पणता जिससे कि हम सर्व प्रकार के बोझ से मुक्त हो सकें । क्योंकि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जहां एक और जानकारी की आवश्यकता है वहीं दूसरी ओर दृढ़ता की अति आवश्यकता है । पिता परमात्मा बताते हैं कि दृढ़ता ही सफलता की चाबी है इसलिए इस गुण को धारण करने के लिए हमें राजयोग का अभ्यास बहुत ही मदद करता है । जो कि पूर्णरूपेण निशुल्क रूप से सभी सेवा केंद्रों पर सिखाया जाता है इसके लिए सभी को हार्दिक ईश्वरीय निमंत्रण दिया गया ।
अंत में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि व्यवसायिक रूप से हमें सशक्त बनने के लिए आध्यात्मिक रूप से सशक्त होना अति आवश्यक है । हम अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित रहे, पिता परमात्मा से शक्तियां लेकर अपने कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए सदैव तत्पर रहें और आगे वाली विघ्न बाधाओं से घबराए नहीं अपितु निरंतर आगे बढ़ते रहें । तत्पश्चात आपने राजयोग का व्यवहारिक रूप से अभ्यास करा कर सभी को और परमात्म शक्तियों का दिव्य अनुभव कराया कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापित कर परमात्म याद से किया गया ।