आज तीसरे दिन ब्रह्माकुमारीज माधौगंज केंद्र पर 56 यूनिट हुआ रक्तदान

तीन दिनों में कुल 182 यूनिट रक्तदान
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, ग्वालियर के प्रभु उपहार भवन, माधौगंज केंद्र पर आज तीसरे दिन भी रक्तवीरों ने रक्त दान किया जिसमें कुल 56 यूनिट रक्त कलेक्ट किया गया| जिसमें ब्रह्माकुमारीज केंद्र से जुड़े लोगों ने एवं एनसीसी कैडेट 8 एमपी बटालियन,15 बटालियन तथा अन्य बटा. कैडेट ने हिस्सा लिया।


आज के शिविर के शुभारंभ में मुख्य रूप से जया आरोग्य अस्पताल के पूर्व संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ अशोक मिश्रा, व्यवसायी एवं समाजसेवी पीताम्बर लोकवानी, एमर्जेंसी ब्लड बैंक संचालक तृप्ति साओ, व्यवसायी प्रशांत कुमार, ब्रह्माकुमारीज केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी, संयोजक बीके प्रहलाद भाई मुख्य रूप से उपस्थित थे।
बीके आदर्श दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि – ईश्वर ने जब इस सृष्टि की रचना की, तब हर जीव को जीवन का अमूल्य उपहार मिला। जीवन की धड़कन श्वास से चलती है और श्वास की धारा को प्रवाहित रखने वाला है रक्त। यही कारण है कि रक्तदान को केवल दान नहीं, बल्कि जीवन-दर्शन की गहराई समझा जाता है। जब कोई मनुष्य रक्तदान करता है, तो वह केवल रक्त नहीं देता, बल्कि किसी की बुझती आशा को नया प्रकाश, किसी की ठहरी हुई साँस को नई गति, और किसी की मुरझाई मुस्कान को फिर से खिला देता है। यही तो वह अद्भुत क्षण है, जहाँ इंसान से इंसानियत जुड़ जाती है। यह सेवा जाति, भाषा, धर्म या सीमा से परे है। यहाँ केवल जीवन की एकता बोलती है, केवल धड़कनों का संगीत गूँजता है। रक्तदान आत्मा का वह तप है, जिसमें न कोई स्वार्थ है, न कोई दिखावा। यह पूर्णतः निःस्वार्थ सेवा है।
ब्लड बैंक संचालक तृप्ति साओ ने कहा कि हमारे समाज में अक्सर ऐसी स्थितियाँ आती हैं जब कोई हमारे पास आकर कहता है – “मेरे परिवार का सदस्य बीमार है, उसकी जान बचाने के लिए रक्त चाहिए।” उस क्षण सब चाहते हैं कि किसी भी प्रकार उसका जीवन बच जाए। परंतु जब स्वयं रक्त देने की बारी आती है, तो बहुत से लोग पीछे हट जाते हैं। कोई कह देता है – “हम रक्त नहीं दे सकते, आप दे दीजिए, चाहे पैसे भी ले लीजिए। यह सोच अत्यंत दुखद है। जिस परिजन की जान बचाने के लिए हम भाग-दौड़ करते हैं, उसी की मदद करने का सबसे सरल मार्ग रक्तदान है, और हम वही करने से कतराते हैं। समाज में अब भी कई भ्रांतियाँ फैली हुई हैं कि रक्तदान करने से कमजोरी आती है, स्वास्थ्य बिगड़ता है, या यह केवल ‘अजनबियों’ का काम है। लेकिन यह सब मिथ्या धारणाएँ हैं। यदि हम वास्तव में रिश्तों को दिल से मानते हैं, तो रक्तदान करके ही उनका सच्चा सम्मान कर सकते हैं। किसी की साँसें बचाना ही सबसे बड़ा रिश्ता, सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी सेवा है।

वरिष्ठ फिजीशियन डॉ अशोक मिश्रा ने कहा कि रक्तदान केवल दूसरों की मदद ही नहीं, बल्कि हमारे अपने लिए भी लाभकारी है। जो व्यक्ति रक्तदान करता है, उसके शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिससे शरीर में ताजगी और ऊर्जा आती है। रक्तदान के साथ ही हमारे रक्त की पूरी जाँच भी हो जाती है, जिससे हमें अपने स्वास्थ्य का सही आकलन मिलता है। यह एक प्रकार से स्वास्थ्य परीक्षण भी है। इसलिए रक्तदान न केवल समाज-सेवा है, बल्कि यह आत्म-सेवा भी है। यह पुण्य कार्य करने वाला व्यक्ति अपने भीतर संतोष, आनंद और गर्व का अनुभव करता है। मैं इस महान अभियान से जुड़े ब्रह्माकुमारीज के सभी कार्यकर्ताओं और सेवाभावियों को हृदय से बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।

पीताम्बर लोकवानी ने कहा कि सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूँगा कि यहाँ आकर मुझे अत्यंत सुख और प्रेरणा मिली। आज समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता क्या है? – निःस्वार्थ सेवा। आज हम चारों ओर देखते हैं कि हर व्यक्ति केवल अपने लाभ के लिए सोचता है। व्यापार हो, नौकरी हो या कोई भी क्षेत्र, सबकी चिंता रहती है – मेरा फायदा हो, मेरा काम बने। लेकिन जब मैं ब्रह्माकुमारी संस्थान जैसे संगठन को देखता हूँ, तो हृदय गर्व से भर जाता है। यहाँ केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि समाज-सेवा की सच्ची मिसाल भी देखने को मिलती है। आज जो रक्तदान शिविर आयोजित किया गया है, वह इस संस्थान की सेवा-भावना का अद्भुत उदाहरण है। रक्तदान वास्तव में महादान है, क्योंकि यह किसी को जीवन लौटाता है। जब हम किसी के शरीर में जीवन का संचार करते हैं, तो वह कार्य ईश्वर की सबसे पवित्र आराधना के समान है। मैं जितनी इस संस्था की और यहाँ के सेवाकार्यों की सराहना करूँ, उतनी कम है। आज का यह आयोजन न केवल रक्तदान है, बल्कि यह समाज को यह सिखाता है कि असली मानवता वही है जो दूसरों के जीवन को बचाए, दूसरों की पीड़ा को कम करे। मैं ब्रह्माकुमारीज़ संस्था और इस पवित्र कार्य से जुड़े प्रत्येक भाई-बहन को दिल से साधुवाद और शुभकामनाएँ देता हूँ। कार्यक्रम में प्रशांत कुमार ने भी सभी को अपनी शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर एनसीसी अधिकारी गजेन्द्र जैन, सूबेदार राजेन्द्र सिंह, आयुष जैन, संजय आचार्य सहित अनेकानेक लोग उपस्थित थे।

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