खुशी मनुष्य के जीवन का श्रृंगार है। खुशी के बिना जीवन को बेहतर नहीं बनाया जा सकता। इसलिए खुशी के लिए कहा गया है कि खुशी जैसी खुराक नहीं। इसलिए खुशी के लिए नहीं खुश होकर कार्य करें।
उक्त बात माउंट आबू से आए राजयोगी बीके आत्मप्रकाश भाई ने ध्यान साधना शिविर के समापन सत्र में कही। आज भाई जी का शाम का सत्र मोहना स्थित ब्रह्माकुमारीज के प्रभु मिलन भवन में आयोजित हुआ।





