समय की पुकार है स्वयं को ज्ञान, गुण, शक्तियों से भरपूर करें – राजयोगी आत्मप्रकाश

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे राजयोगी बीके आत्मप्रकाश भाई जी ने आज ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा आयोजित ध्यान साधना शिविर के प्रातः कालीन सत्र को बैकुंठ धाम हक्सर कॉलोनी मुरार में संबोधित किया।


आत्मप्रकाश भाई जी में बताया कि हम सबके दिल में परमात्मा की याद समाई हुई होनी चाहिए जितना हम परमात्मा को याद करते है, उतना हम अपने जीवन को अच्छा बना सकते हैं। आज मनुष्य के जीवन में जो अनेकानेक चुनौतियाँ आती है, उसका कारण हमारी भूलें और गलतियाँ ही है। और जब हमारे जीवन में कोई चुनौती आती है तो उसका सामना करने के बजाय हम उससे घबरा जाते है क्योकि स्वयं आंतरिक रीति से खाली होते है। इसलिए अपने को शक्तिशाली बनाने के लिए हर रोज स्वयं को देह नहीं बल्कि आत्मा समझने का अभ्यास करना चाहिये। ऐसा करने पर हमारी स्वस्थिति मजबूत होगी साथ ही हम परिस्थियों पर भी विजय प्राप्त कर सकेंगे। समय की पुकार है कि स्वयं को ज्ञान, गुण, शक्तियों से भरपूर करें।

साथ ही अपनी दृष्टि, वृति और कृति को अच्छा बनाए। हमेशा याद रखे कि परमात्मा की नज़र हम पर है, हमेशा श्रेष्ठ कर्म ही करने है। जीवन में जो चीज आपको चाहिए वह बांटना प्रारंभ करें। यदि खुशी चाहिए तो खुशी बांटे, प्रेम चाहिए तो सबसे प्रेम पूर्वक व्यवहार करें, शांति चाहिए तो अपने स्वभाव से शांति की अनुभूति लोगो को कराएँ। आप सभी भाग्यशाली है जो परमात्मा ने आपको चुना है। इसलिए अपने को भाग्यशाली समझते हुए संसार को स्वर्ग बनाने के लिए ईश्वर से शक्तियाँ लेकर सभी को बांटे।

उन्होंने आगे कहा कि परमात्मा की याद में रहकर कर्म करना ही अपने कर्मो को श्रेष्ठ बनाना है। इसमें राजयोग हमें बहुत मदद करता है। राजयोग से ही हम सुख, शांति, आनंद, प्रेम और शक्ति को अपने अन्दर भर सकते है। ध्यान की शक्ति हमारे जीवन को ऊँचाइयों पर ले जाती है। इसलिए अच्छी रीति से राजयोग ध्यान का अभ्यास करें और अपने परिवार सहित अन्य लोगो को भी प्रेरित करें।
