रक्तदान महाअभियान में देश भर में किया जाएगा एक लाख यूनिट रक्तदान

  • पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में चलाया जा रहा अभियान
  • 17 अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने किया रक्तदान महाअभियान का राष्ट्रीय शुभारंभ
  • ग्वालियर में भी 22, 23 और 24 अगस्त को होगा रक्तदान
  • ब्रह्माकुमारीज़ रक्तदान का बनाएगी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड
  • देशभर में छह हजार सेवाकेंद्रों पर लगाए जाएंगे रक्तदान शिविर

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि (25 अगस्त 2025) विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में संस्थान द्वारा भारत सहित नेपाल में रक्तदान महाअभियान चलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा। इस महाअभियान का राष्ट्रीय शुभारंभ 17 अगस्त को नईदिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्‌ढा द्वारा किया गया। राष्ट्रीय शुभारंभ के बाद भारत व नेपाल में रक्तदान शिविर आयोजित किये जा रहे है। संस्थान के देशभर में स्थित छह हजार से अधिक सेवाकेंद्रों पर एकसाथ 22, 23, 24 और 25 अगस्त के बीच विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएंगे। अभियान के तहत एक लाख यूनिट रक्तदान का संकल्प लिया गया है।
इसी क्रम में ग्वालियर में भी तीन दिन 22, 23 और 24 अगस्त को माधोगंज स्थित ब्रह्माकुमारीज़ प्रभु उपहार भवन में प्रातः 9 बजे से सायंकाल 4 बजे तक किया जायेगा। इसके साथ ही 22 अगस्त को मुरार केंद्र द्वार जिला अस्पताल में तथा 24 अगस्त को मालनपुर केंद्र पर भी रक्दान शिविर रहेगा। ब्रह्माकुमारीज इंदरगंज लश्कर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ के समाजसेवा प्रभाग द्वारा चलाए जा रहे इस महाअभियान में देशभर में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, जिला ब्लड बैंक, जिला सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, रेड क्रॉस सोसायटी, रोटरी इंटरनेशनल क्लब, लायंस क्लब, आईएसबीटीआई, जेसीआई एलुमनी क्लब के सहयोग से स्थानीय स्तर पर रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे।
इसके साथ ही ग्वालियर में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के साथ साथ जया आरोग्य हॉस्पिटल ब्लड सेंटर, रेडक्रॉस ब्लड बैंक, इमरजेंसी ब्लड बैंक, यूथ पॉवर केयर रक्तदान सेवा समिति तथा एनसीसी ग्वालियर एवं अन्य संस्थान के सहयोग से आयोजित होगा।

एक लाख यूनिट से वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की तैयारी-
इस रक्तदान महा अभियान के तहत एक लाख यूनिट रक्तदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा। यह पहला मौका है जबकि आध्यात्मिक संगठन द्वारा इतने बड़े स्तर पर रक्तदान अभियान चलाया जा रहा है। वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

रक्तदान के लिए 50 किलो वजन होना जरूरी-
विशेषज्ञों के अनुसार रक्तदान के लिए 18 से 65 वर्ष आयु और न्यूनतम 50 किलो वजन होना आवश्यक है। हीमोग्लोबिन स्तर पुरुषों में कम से कम 13 ग्राम व महिलाओं में 12.5 ग्राम होना चाहिए। रक्तदान के बीच पुरुषों के लिए तीन महीने और महिलाओं के लिए चार महीने का अंतर जरूरी है। साथ ही रक्तदाता पूरी तरह स्वस्थ हो और किसी गंभीर बीमारी या हाल में हुए संक्रमण से मुक्त हो।

रक्तदान के हैं कई फायदे-
चिकित्सकों के मुताबिक रक्तदान करने से शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया तेज होती है। आयरन लेवल संतुलित रहता है और हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। एक यूनिट रक्त से तीन से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है। रक्तदान के 24-48 घंटों के भीतर शरीर में नया रक्त बनने लगता है, जिससे रक्त ताजा और स्वस्थ रहता है। रक्तदान से पहले ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन और अन्य स्वास्थ्य जांच मुफ्त होती हैं। इससे हमें शरीर में होने वाली गंभीर बीमारियों का पता चल जाता है। रक्तदान से मानसिक सुख, आत्मसंतोष और खुशी मिलती है। रक्तदान-जीवनदान है। यह अनेक लोगों की दुआ कमाने और पुण्य कमाने की सबसे अच्छी सेवा है।

रक्तदान के पहले रखें यह सावधानी-
रक्तदान से पहले हल्का पौष्टिक भोजन करने, पर्याप्त नींद लेने और तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। रक्तदान के बाद कम से कम 10-15 मिनट तक आराम करना चाहिए और भारी काम से बचना जरूरी है। आपात स्थिति में रक्त की उपलब्धता जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर साबित हो सकती है। ऐसे में समाज के स्वस्थ लोग नियमित रूप से रक्तदान करके जीवनरक्षक बन सकते हैं।

रक्तदान: जो दे सकती है नई जिंदगी
रक्तदान केवल एक सामाजिक कर्तव्य ही नहीं, बल्कि यह इंसानियत का सबसे बड़ा उपहार है। एक यूनिट रक्त तीन से चार लोगों की जान बचा सकता है। दुर्घटनाओं, प्रसव जटिलताओं, कैंसर, थैलेसीमिया और बड़ी सर्जरी के दौरान रक्त की कमी जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले लोग अनगिनत जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि रक्त का कोई कृत्रिम विकल्प नहीं है। इसे केवल इंसान से इंसान को ही दिया जा सकता है। यही कारण है कि ब्लड बैंकों में रक्त का स्टॉक बनाए रखने के लिए स्वस्थ व्यक्तियों का आगे आना बेहद जरूरी है। रक्तदान से न केवल दूसरों को जीवनदान मिलता है, बल्कि दाता का स्वास्थ्य भी लाभान्वित होता है।

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