खुशी चाहिए तो खुशी बांटे और प्रेम चाहिए तो दूसरों से प्रेम पूर्वक व्यवहार करें – बी के प्रहलाद भाई

ग्वालियर। आज की तेज रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखना एक चुनौती बन गया है। ऐसे में मेडिटेशन (ध्यान) तथा जीवनशैली में बदलाव हमें खुश और स्वस्थ रहने में बहुत मदद करता है। उक्त बात ब्रह्माकुमारीज संस्थान से राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने गुलमोहर अपार्टमेंट में सदा खुश रहने एवं ध्यान का जीवन में महत्व विषय पर सभी को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने आगे कहा कि जो आपको चाहिए वह दूसरों को देना शुरु करें, खुशी चाहिए तो खुशी बांटे, प्रेम चाहिए तो प्रेम पूर्वक व्यवहार सभी से करें और सम्मान चाहिए तो सम्मान सभी को दें। क्योंकि यह हमारे आंतरिक गुण है हम इन्हें जितना बांटते है यह उतना बढ़ते है। उसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अपने जीवन में सकारात्मक सभी चीज़ों के लिए हमें परमपिता परमात्मा का तथा उन सभी का आभार व्यक्त करना चाहिए, जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में हमारी मदद करते है। इससे भी हमारी खुशी का लेवल बढ़ता है।
साथ ही संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में हमारी मदद करते है। तो इस पर भी हमें ध्यान देना चाहिए। हर परिस्थिति में अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखें। नकारात्मक विचारों को पहचानकर उन्हें सकारात्मक दृष्टिकोण में बदलने का प्रयास करें।
प्रतिदिन मेडिटेशन करने से मन शांत रहता है। और तनाव पर नियंत्रण होता है, साथ ही मेडिटेशन हमें अनिद्रा और बेचैनी से भी बचाता है।
तो हमें रोजाना दिन की शुरुआत में या जब समय मिले तव या अच्छी और गहरी नींद के लिए रात्रि सोने से पहले भी मेडिटेशन कर सकते है।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों के जीवन से जुड़े हुए सवालों के जबाब दिए तथा राजयोग ध्यान का अभ्यास सभी को कराया।

कार्यक्रम में प्रशांत गुप्ता, प्रवीण खंडेलवाल, ओमप्रकाश अरोरा, राजश्री गुप्ता, वसुधा शर्मा, मंजू शर्मा, सपना, आकांक्षा, विंदु, साधना, उमा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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